किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग (FW&AD) राज्य के किसानों को समय पर एवं समान रूप से उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत है। वर्तमान में उर्वरक वितरण की प्रक्रिया में अनेक हितधारक शामिल हैं, जैसे उर्वरक निर्माता, शासकीय नेटवर्क (मार्कफेड, एमपी एग्रो, प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटीज़ - PACS) तथा निजी विक्रेता।
इसके बावजूद वर्तमान प्रणाली में असमान वितरण, वास्तविक समय में निगरानी की कमी तथा किसानों तक समय पर उपलब्धता न हो पाने जैसी चुनौतियाँ सामने आती हैं। इसके परिणामस्वरूप किसानों को उर्वरक की कमी एवं वितरण में देरी का सामना करना पड़ता है, जिससे कृषि उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
इन चुनौतियों के समाधान हेतु विभाग ने उर्वरक वितरण को किसानों की भूमि अभिलेख जानकारी एवं मौसमवार फसल पैटर्न के आधार पर नियंत्रित करने का प्रस्ताव रखा है। इस व्यवस्था से उर्वरक की आपूर्ति वास्तविक आवश्यकता के अनुसार सुनिश्चित होगी, जिससे दक्षता, पारदर्शिता एवं जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।
उर्वरक आवागमन की वास्तविक समय पर निगरानी, उत्पादन इकाई से लेकर खुदरा विक्रेता तक।
किसान स्तर पर नियंत्रण एवं निगरानी, भूमि एवं फसल की आवश्यकता के अनुसार वितरण।
समय पर एवं सटीक रिपोर्टिंग, जिससे उच्चाधिकारियों को निर्णय लेने में सहूलियत होगी।